एक ख्वाहिश थी कि बड़ी होकर मम्मी के साथ रहकर काम में हाथ बटाऊंगी। एक ख्वाहिश थी कि बड़ी होकर मम्मी के साथ रहकर काम में हाथ बटाऊंगी।
दिलीप ने दिन-दूनी रात-चौगुनी मेहनत की बारहवीं बोर्ड परीक्षा के लिए और वह सफल भी हो रही दिलीप ने दिन-दूनी रात-चौगुनी मेहनत की बारहवीं बोर्ड परीक्षा के लिए और वह सफल भी ...
सच सच बताना अब इन हाथों में सिगरेट देख पाओगी सच सच बताना अब इन हाथों में सिगरेट देख पाओगी
आराम कुर्सी पर बैठे हुए मिस्टर सिंह को एक उदासी ने आ घेरा| उदासी आये भी क्यों न? उन्हें पता था अब से... आराम कुर्सी पर बैठे हुए मिस्टर सिंह को एक उदासी ने आ घेरा| उदासी आये भी क्यों न?...
फिर इतना दिखावा किस लिये जब घरेलू खर्चे ही पूरे नहीं हो पा रहे तो फिर इतना दिखावा किस लिये जब घरेलू खर्चे ही पूरे नहीं हो पा रहे तो
रत्ना थोड़े असमंजस में थी रत्ना थोड़े असमंजस में थी